Mumbai: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी के अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) का मुंबई के बांद्रा में गोली लगने से निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात करीब साढ़े नौ बजे यह घटना उस समय हुई जब सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी, जो बांद्रा ईस्ट से विधायक हैं, के कार्यालय में मौजूद थे। बताया जा रहा है कि सिद्दीकी पर तीन गोलियां चलाई गईं। इस मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। सिद्दीकी को तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि कम से कम एक गोली उनके सीने में लगी थी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पुलिस से सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, “यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने पुलिस और अस्पताल के अधिकारियों से बातचीत की है और उनसे आग्रह किया है कि कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए। हम किसी भी स्थिति में मुंबई में गैंगवार जैसी स्थितियों को दोबारा उभरने नहीं देंगे।”
बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) एक अनुभवी नेता थे, जो तीन बार बांद्रा पश्चिम से विधायक चुने गए थे और कांग्रेस के साथ 48 वर्षों तक जुड़े रहे। हालांकि, इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अजीत पवार की एनसीपी (NCP) का दामन थाम लिया था। वहीं, उनके बेटे जीशान सिद्दीकी, जो बांद्रा पूर्व से विधायक हैं, को अगस्त में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था।
यह दुखद घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं और राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। विशेष रूप से दशहरे के दिन इस घटना के घटित होने से लोगों में गहरी चिंता और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। पुलिस की जांच जारी है और पूरे शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) की हत्या से राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है, और यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह कोई राजनीतिक साजिश थी या इसके पीछे व्यक्तिगत दुश्मनी का कोई पहलू छिपा हुआ है। फिलहाल, पुलिस सभी संभावित कोणों से मामले की जांच कर रही है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
NCP के प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने बताया कि सिद्दीकी ने कभी किसी से धमकी मिलने का जिक्र नहीं किया था। सिद्दीकी तीन बार, 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। 2004 से 2008 के बीच उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।
सिद्दीकी (Baba Siddique) न केवल एक कद्दावर राजनेता थे, बल्कि अपने आलीशान और भव्य पार्टियों के आयोजन के लिए भी मशहूर थे। उनकी पार्टियों में बॉलीवुड के दिग्गज सितारों की मौजूदगी आम बात थी। 2013 में उनकी एक इफ्तार पार्टी ने उस समय सुर्खियां बटोरीं, जब बॉलीवुड के दो बड़े सुपरस्टार, शाहरुख खान और सलमान खान के बीच लंबे समय से चल रहे शीत युद्ध का अंत हुआ। इस पार्टी ने न केवल राजनीतिक बल्कि फिल्मी दुनिया के लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया।
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हाल ही में, सिद्दीकी के स्वास्थ्य को लेकर खबरें सामने आईं, जिसके चलते सुपरस्टार सलमान खान और अभिनेता संजय दत्त अस्पताल में उनसे मिलने पहुंचे। उनकी उपस्थिति ने अस्पताल में हलचल पैदा कर दी और वहां मौजूद लोगों के बीच उत्सुकता का माहौल बन गया। सिद्दीकी की राजनीतिक और सामाजिक जीवन में गहरी पैठ के चलते उनके चाहने वालों की संख्या भी काफी बड़ी है, जो उनकी बेहतरी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
सिद्दीकी का योगदान सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज और मनोरंजन जगत में भी अपनी अलग पहचान बनाई थी।
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ToggleBaba Siddique का राजनीतिक कैरियर
बाबा सिद्दीकी, जिनका पूरा नाम जियाउद्दीन सिद्दीकी है, 1977 में एक किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में शामिल हुए थे। शुरुआत में उन्होंने पार्टी की छात्र शाखा, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के मुंबई चैप्टर के सदस्य के रूप में सक्रिय रूप से भाग लिया और कई छात्र आंदोलनों में योगदान दिया। 1980 में, वे बांद्रा युवा कांग्रेस के बांद्रा तालुका के महासचिव बने और कुछ ही समय में अध्यक्ष के पद तक पहुंच गए।
1988 में, वे मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, और चार साल बाद, उन्हें मुंबई नगर निगम में नगर पार्षद के रूप में जनता का समर्थन मिला। इसके बाद 1999 में बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और 2004 व 2009 में पुनः निर्वाचित हुए, इस तरह उन्होंने लगातार तीन बार विधायक के रूप में सेवा दी। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें 2000-2004 के दौरान म्हाडा मुंबई बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया, और वे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, एफडीए, और उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे। 2011 में, बाबा सिद्दीकी ने बांद्रा-खार में एक इको-गार्डन के निर्माण के लिए आर्थिक मदद भी की, जिससे क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने में योगदान दिया।
कार्यालय और पद
- बाबा सिद्दीकी ने 1977 में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (मुंबई) के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
- 1980 में बांद्रा तालुका के युवा कांग्रेस के महासचिव बने।
- 1982 में बांद्रा तालुका के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
- 1993 से 1998 और 1998 से 2003 तक मुंबई नगर निगम के पार्षद रहे।
- तीन बार विधायक रहे (1999–2004, 2004–09, और 2009–14)।
- 2004 से 2008 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, और FDA के राज्यमंत्री रहे।
- 2000 से 2004 तक एमएचएडीए मुंबई बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
- 2014 में मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने।
- 2019 में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के संसदीय बोर्ड का हिस्सा बने।
- 12 फरवरी 2024 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने।
पर्सनल लाइफ
बाबा सिद्दीकी की शादी शहज़ीन सिद्दीकी से हुई है, और उनका परिवार बेहद प्यारा और खुशहाल है। उनके दो बच्चे हैं—एक बेटी, डॉ. अर्शिया सिद्दीकी, जो अपने क्षेत्र में नाम कमा रही हैं, और एक बेटा, जीशान सिद्दीकी, जो अपने पिता के कदमों पर चलते हुए समाज में अपना योगदान दे रहे हैं।